Top Shiv chaisa Secrets
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नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
नन्दि गणेश सोहै तहँ कैसे। सागर मध्य कमल हैं जैसे॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तसु पुरारी॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥
पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥
कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी
Lord Shiva is often called Mahakaal, he will be the god of war, the destroyer, Bholenath for his kindness and generosity to every one of the creatures in this universe.
आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥
अर्थ- हे प्रभू आपके समान दानी और कोई नहीं है, सेवक आपकी सदा से प्रार्थना करते आए हैं। हे प्रभु आपका भेद Shiv chaisa सिर्फ आप ही जानते हैं, क्योंकि आप अनादि काल से विद्यमान हैं, आपके बारे में वर्णन नहीं किया जा सकता है, आप अकथ हैं। आपकी महिमा का गान करने में तो वेद भी समर्थ नहीं हैं।
माँ री माँ वो मेरा स्वामी, मैं उस के पट की अनुगामी।
रात मेरे सपनो में आया, आ के मुझ को गले लगाया।
सुबह सुबह ले शिव का नाम, शिव आयेंगे तेरे काम
भाल चन्द्रमा सोहत more info नीके। कानन कुण्डल नागफनी के॥
दानिन महं तुम सम कोउ नाहीं। सेवक स्तुति करत सदाहीं॥